अदरक से होने वाले नुकसान के बारें में - An Overview

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महिलाओं के लिए मासिक धर्म की अवधि कष्‍टदायक होती है। इस दौरान उन्‍हें पेट दर्द और ऐंठन आदि की समस्‍या होती है। इस प्रकार की मासिक धर्म संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में अदरक वाली चाय का उपयोग किया जा सकता है। अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण दर्द और ऐंठन के लक्षणों को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

अदरक के गुणों के बारे में इतना कुछ सुनने के बाद उसके साइड इफ़ेक्ट की बात गले नहीं उतरती?

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यही नहीं अदरक में खून को पतला कर देने का गुण होता है. ऐसे में कम बीपी वालों का बीपी और कम होने की संभावना बढ जाती है.

क्या अदरक से भी कोई जलन या एलर्जी हो सकती है? बिलकुल एक अध्ययन के अनुसार मुख्यतया अदरक के सेवन से स्किन एलर्जी होती है, कभी-कभी एलर्जी बढ़ती है तो आँखों में भी जलन उत्पन्न हो जाता है।

- प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को जी मिचलाना, सीने में जलन, चक्कर आना, लो ब्लड प्रेशर और अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अदरक इन सब परेशानियों को बढ़ा सकता है। जिसका सीधा असर होने वाले बच्चे पर पड़ता है। इसके अलावा अदरक की गर्म तासीर की वजह से आपको ब्लीडिंग भी हो सकती है। प्रेगनेंसी के समय अदरक न ही खाएं तो अच्छा है।

सौंफ के बीजों में कार्मिनेटिव गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे पाचन तंत्र में गैस के निर्माण को रोकने और इसके निष्कासन में सहायता कर सकते हैं। भोजन के बाद एक चम्मच सौंफ चबाएं इससे फंसी हुई गैस को बाहर निकालने में मदद मिलेगी और पेट फूलने से राहत मिलेगी। वैकल्पिक रूप से, आप सौंफ के बीजों को कुचलकर कुछ मिनट के लिए गर्म पानी में भिगोकर सौंफ की चाय बना सकते हैं और गैस से राहत पाने के लिए इसे पी सकते हैं।

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अदरक की त्वचा को छीलने के बाद इसे बारीक टुकड़ों में काट या काट लेना है।

अदरक के एंटीऑक्सीडेंट गुण रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज, जिसके कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है और सेल डैमेज होती हैं, के असर को कम करने में सहायक है. 

इसका वानस्पतिक नाम जिंजिबर ऑफिसिनेल है

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